दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।
हम उससे थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं,
वो लम्हे याद करता हूँ तो लगते हैं अब जहर से।
मैंने कहा, नहीं दिल में एक बेवफा की तस्वीर बसी है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले,
क़यामत देखनी हो अगर चले जाना किसी महफ़िल में,
महफ़िल में रह के भी रहे तन्हाइयों में हम,
तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,
बिछड़ के quotesorshayari मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
अब तक सबने बाज़ी हारी इस दिल को रिझाने में,
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता,
मैं जागता हूँ तेरा ख़्वाब देखने के लिए।
रहा मैं वक़्त के भरोसे और वक़्त बदलता रहा,